
राजीव उपाध्याय
जबलपुर। कांग्रेस संगठन सृजन में शहर और ग्रामीण अध्यक्ष पद के लिए हर वर्ग से प्रतिनिधित्व होगा। कांग्रेस के संगठन सृजन अभियान में यह नया प्रयोग है जिसे गुजरात में लागू किया था, अब मध्य प्रदेश और हरियाणा में लागू किया गया है। इसमें हर डिस्ट्रिक्ट में सामान्य वर्ग, ओबीसी, एससी, एसटी, अल्पसंख्यक, महिला को शामिल किया जाएगा। हर लिस्ट में इस नियम का पालन किया जाएगा। इससे उम्मीदवारों में बेचैनी है। देखना यह है कि इसमें कौन है काबिल। चयन के वक्त यह ध्यान रखा जाएगा कि हर वर्ग को प्रतिनिधित्व मिल सके।
सभी को साधने की कोशिश
सांसद राहुल गांधी जाति जनगणना की बात करते आ रहे हैं। केंद्र सरकार जाति जनगणना करा रही है। इसलिए राहुल गांधी के संगठन सृजन प्लान में इसका विशेष ध्यान रखा गया है कि कांग्रेस के संगठन में हर वर्ग को प्रतिनिधित्व दिया जाए ताकि वे यह कह सकें कि हमने इसे संगठन में भी लागू किया है। कांग्रेस इस नियम को केवल डिस्ट्रिक्ट ही नहीं बल्कि ब्लॉक स्तर तक लागू करेगी।
एक तीर से कई शिकार
कांग्रेस अपने अंदरूनी संगठन में इसे लागू करके बड़ा दांव खेल रही है। कांग्रेस इसे अभी पायलट प्रोजेक्ट के तहत गुजरात के बाद मध्य प्रदेश और हरियाणा में इस पर काम कर रही है। एआईसीसी पर्यवेक्षक और पीसीसी पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं, विंग के पदाधिकारियों से मिलकर रायशुमारी कर रहे हैं। कांग्रेस संगठन का काम भी लोकतांत्रिक तरीके से कर रही है। जिसमें लगातार बीजेपी के लिए चैलेंज मिल रहा है।
चुनाव के वक्त कांग्रेस जनता के बीच जाकर यह कह सकती है कि कांग्रेस के संगठन में अध्यक्ष ऊपर से नहीं थोपा गया बल्कि लोकतांत्रिक पद्धति से सर्वसम्मति से और हर वर्ग के लोगों को ध्यान में रखते हुए चुना गया। इससे जनता के बीच अध्यक्ष के रूप में हर वर्ग से होगा। इससे जनता का ध्यान कांग्रेस खींचना चाहती है। बीजेपी के लिए यह संगठन में इस तरह की प्रक्रिया चैलेंज होगी। वहां केंद्र और आरएसएस की सहमति से ही संगठन में बदलाव संभव होता है।
असमंजस में उम्मीदवार
जबलपुर में पर्यवेक्षक कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों से रायशुमारी कर रहे हैं। राहुल गांधी के फार्मूले को लागू करने पर्यवेक्षक प्रतिबद्ध हैं। वे जहां भी रायशुमारी कर रहे हैं वहां रोज की रिपोर्ट एआईसीसी दिल्ली भेज रहे हैं। इसमें उम्मीदवारों के नाम में हर वर्ग से प्रतिनिधित्व को शामिल किया जा रहा है। इससे उम्मीदवार खुद असमंजस में हैं कि इस प्रक्रिया में किस वर्ग का नाम आगे आएगा क्योंकि किसी भी कैटेगरी को छोड़ना नहीं है। जबलपुर शहर के बाद जबलपुर ग्रामीण में 25 जून को बरगी विधानसभा क्षेत्र के शहपुरा, चरगंवा, बेलखेड़ा में पर्यवेक्षक रवि बहादुर ने कांग्रेस कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की, वहीं 26 जून को बरगी में कार्यकर्ताओं से रायशुमारी की। बरगी विधानसभा क्षेत्र से ग्रामीण अध्यक्ष के लिए 22 कांग्रेसजन ने आवेदन दिए। हालांकि केवल 6 नाम ही एआईसीसी कार्यालय भेजे जाएंगे।
लिस्ट की होगी जांच
पर्यवेक्षकों के लिए भी यह काम आसान नहीं है। मध्य प्रदेश की लिस्ट जब बनेगी तो उसमें फार्मूले को चेक किया जाएगा कि उसके अनुसार चयन हुआ है कि नहीं, इसकी मॉनिटरिंग सांसद राहुल गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे कर रहे हैं।