
जबलपुर। अनेकांत साहित्यिक सामाजिक संस्था की मासिक काव्य गोष्ठी में रचनाकारों ने एक से एक बढ़कर रचनाएं प्रस्तुत की।
कश्मीर पहलगाम हत्याकांड पर द्रवित मन से सभी ने अपने विचार रखे।
“कभी ना हो ऐसी अनहोनी अमन शांति और चैन रहे
सत्य अहिंसा के भारत में हिंसा बिल्कुल बैन रहे।”
जैसी प्रस्तुतियों ने काव्य गोष्ठी को ऊंचाइयां प्रदान की कार्यक्रम की मुख्य अतिथि प्रभा खरे अखिल, अध्यक्षता डॉ सलमा जमाल ने की। इस अवसर पर संस्था की अध्यक्ष डॉ संध्या जैन श्रुति ने अपने विचार रखे। राजेंद्र मिश्रा, मनोज शुक्ला मनोज, मदन श्रीवास्तव, संतोष नेमा संतोष, आशुतोष तिवारी,विवेक सैलार, सुनील सिंह तोमर, कृष्णकांत अग्रवाल, डॉ संध्या जैन श्रुति, प्रभा खरे, डॉ सलमा जमाल,अनिका जैन ने स्वरचित रचनाओं का पाठ किया कार्यक्रम का सफल संचालन सुनील सिंह तोमर ने एवं आभार आशुतोष तिवारी ने व्यक्त किया।