
भोपाल। मध्य प्रदेश के जनजातीय कल्याण मंत्री विजय शाह पर देर रात इंदौर के महू तहसील क्षेत्र के मानपुर थाना में एफआईआर दर्ज की गई। मालूम हो कि मंत्री विजय शाह ने कर्नल सोफिया कुरैशी पर शर्मनाक टिप्पणी की थी जिसके बाद हाई कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेकर मंत्री विजय शाह पर एफआईआर दर्ज करने आदेश दिया था। इसके बाद ही शासन की ओर से एफआईआर दर्ज की गई।
इन धाराओं में एफआईआर
हाईकोर्ट के आदेश पर उन धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है जिनमें उम्रकैद या सात साल की सजा का प्रावधान –
बीएनएस की धारा 152- भारत की एकता, अखंडता, संप्रभुता को खतरे में डालने वाला कृत्य। सात साल तक की सजा संभव, यदि मामला बहुत गंभीर हो तो उम्रकैद की सजा भी हो सकती है।
196(1-बी)- धर्म, जाति, भाषा के आधार पर समाज में वैमनस्य फैलाने की कोशिश। तीन साल तक सजा और जुर्माना या दोनों संभव।
197(1-सी) -किसी समाज व्यक्ति के प्रति ऐसी दुर्भावना,जो देश की एकता अखंडता को खतरे में डाले। पांच साल तक सजा हो सकती है।
बर्खास्तगी, इस्तीफे की मांग
मंत्री विजय शाह की शर्मनाक टिप्पणी पर मप्र की पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती ने कहा कि विजय शाह को तुरंत बर्खास्त करना चाहिए। सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव और बसपा सुप्रीमो मायावती ने मंत्री विजय शाह को बर्खास्त करने की मांग की। मप्र कांग्रेस अध्यक्ष जीतू पटवारी ने भोपाल में मंत्री पर एफआईआर का आवेदन दिया।
केंद्र को भेजी रिपोर्ट
प्रदेश भाजपा संगठन ने इस मामले की रिपोर्ट पार्टी अध्यक्ष जेपी नड्डा को भेज दी है के बाद मध्यप्रदेश के आदिम जाति कल्याण मंत्री विजय शाह के खिलाफ एफआईआर दर्ज।