
जबलपुर। मध्य प्रदेश के जनजातीय कल्याण मंत्री विजय शाह के कर्नल सोफिया कुरैशी पर दिए गए शर्मनाक बयान पर उनकी मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं। हाईकोर्ट मंत्री विजय शाह पर एफआईआर की ड्राफ्टिंग से नाराज हैं।
हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि आरोपी को बचाने के लिए इस तरह की कमजोर एफआईआर ड्राफ्ट की है। हाईकोर्ट ने सख्ती से कहा कि इससे पता चलता है कि सरकार गंभीर नहीं है। हाईकोर्ट ने कहा कि एफआईआर में घटना का तथ्यात्मक वर्णन नहीं किया हैऔर न ही ये बताया गया कि किस घटना के कारण किस धारा में अपराध दर्ज़ किया गया है। यदि इस एफआईआर को सीआरपी 482 के तहत चुनौती दी जाती है तो अपराध के तथ्य नहीं होने के कारण इसे रद्द करना आसान होगा। यदि एफआईआर की बुनियाद कमजोर रखी गई तो आरोपी के पक्ष मे मामला झुक जाएगा और न्याय की प्रक्रिया कमजोर हो जाएगी।