
उमरिया। बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में बुधवार को एक खुंखार बाघ के घास खाने का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है। लोग मांसाहारी बाघ को घास खाते देखकर अचंभित हैं। पर्यटन प्रभारी विजय शंकर श्रीवास्तव का कहना है पर्यटकों द्वारा खितौली टूरिज्म जोन के कुंभी कछार नाले में यह दृश्य कैमरे में कैद कर वायरल किया गया है।
क्षेत्र संचालक डॉ. अनुपम सहाय बताते हैं यह एक नार्मल प्रक्रिया है। कभी कभी जब बाघ को इनडाइजेशन होता है या उसे उल्टी करना होता है तो घास खाने से एक तो पेट भी साफ होता है और यदि उल्टी करनी हुई तो उल्टी भी हो जाती है। यह बाघ का सामान्य बर्ताव है। खुद को स्वस्थ्य रखने का। ये दिक्कतें बाघ को पेट में कुछ गड़बड़ी होने पर यह उपचार करता है।
टाइगर्स का स्वाभाविक व्यवहार और संरक्षण की पहल
बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व, जो मध्यप्रदेश के उमरिया जिले में स्थित है, देश के प्रमुख बाघ अभयारण्यों में से एक है। यह क्षेत्र न केवल अपनी बाघों की उच्च घनत्व संख्या के लिए प्रसिद्ध है, बल्कि यहां टाइगर्स का स्वाभाविक व्यवहार भी पर्यटकों को आश्चर्यचकित करता है। हाल ही में वायरल हुए एक वीडियो में एक बाघ को घास खाते देखा गया, जिसने लोगों को हैरान कर दिया। लेकिन विशेषज्ञों के अनुसार, यह बाघों का सामान्य व्यवहार है। जब उन्हें पेट में तकलीफ होती है या उल्टी करनी होती है, तो वे घास खाते हैं ताकि पेट साफ हो सके।
बांधवगढ़ में लगभग 70 से अधिक बाघों की उपस्थिति दर्ज की गई है, और यह रिजर्व उनके संरक्षण व अध्ययन का एक प्रमुख केंद्र बन चुका है। यहां का खितौली, मघद, और ताला जोन बाघों को देखने के लिए प्रसिद्ध हैं। वन विभाग द्वारा निरंतर मॉनिटरिंग, कैमरा ट्रैपिंग और स्वास्थ्य जांच जैसे उपाय किए जा रहे हैं ताकि बाघों को सुरक्षित और स्वस्थ वातावरण मिल सके। इस प्रकार की घटनाएं यह भी दर्शाती हैं कि बाघ भी प्राकृतिक उपचार विधियों का पालन करते हैं, जो उनके बुद्धिमत्तापूर्ण व्यवहार को दर्शाता है।