जन ज्योति सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में नीतू को मिली रोशनी, अब देख सकेगी दुनिया

जबलपुर। बचपन से इस दुनिया को देखने की ख्वाइश लिए नीतू का सपना जन ज्योति सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में पूरा हुआ। पुलिस लाइन निवासी नीतू (39) को बचपन से दिखाई नहीं देता था। नीतू की दाईं आंख जन्म से ही नहीं बनी थी और बाईं आंख अल्प विकसित थी। जिसमें आंख की पुतली आधी बनी थी। इसमें लैंस अपने स्थान से हिला हुआ था और रेटीना अर्धविकसित था। वह आंखों में रोशनी लाने के लिए कई अस्पतालों में भटकती रही लेकिन उसका उपचार नहीं हो सका।
गोलबाजार स्थित जन ज्योति सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में जब वह जांच कराने आई तो जांच के बाद हॉस्पिटल के डायरेक्टर नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ पवन स्थापक ने नीतू को आश्वस्त किया कि वह देख पाएगी। डॉ पवन स्थापक ने माइक्रो इंसीजन तकनीक से अल्प विकसित आंख की पुतली में आंख के लैंस को एक रिंग के द्वारा निश्चित स्थान पर स्थापित किया।
आधुनिक सर्जिकल तकनीक से आंख के लैंस को रिंग सपोर्टेड कैप्सूल में ट्रांसप्लांट किया। यह बहुत कठिन प्रक्रिया होती है। आमतौर पर इस जटिल प्रक्रिया के लिए मरीज चेन्नई जाते हैं लेकिन नीतू का इलाज जबलपुर में जन ज्योति सुपर स्पेशियलिटी हॉस्पिटल में हो गया और उसे अगले ही दिन से दिखना शुरू हो गया। वह रोशनी पाकर खुश हैं।

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