Israel-Iran war: इजरायल-ईरान युद्ध के बीच ट्रंप का मुनीर के साथ लंच

इजरायल-ईरान जंग में अमेरिका की नजर चर्चा में है। ईरान के सुप्रीमो अयातुल्ला खामेनेई ने चेतावनी दे दी है कि अमेरिका यदि इस युद्ध में दखल करता है तो उसे जवाब दिया जाएगा।

वहीं अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि ईरान को बिना शर्त सरेंडर करना चाहिए। इसका जवाब ईरान के सुप्रीमो ने तीखे स्वर में दिया। वहीं ट्रंप ने पाक के आर्मी चीफ मुनीर के साथ लंच किया जोकि चर्चा का विषय बना हुआ है।
अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इन्विटेशन पर पाक के आर्मी चीफ मुनीर ने वाइट हाउस में ट्रंप के साथ लंच किया। इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई पहलुओं से देखा जा रहा है, खासतौर से इजरायल ईरान युद्ध के दौरान यह आमंत्रण बहुत कुछ कह रहा है। वहीं पाक के अंदर भी इसके कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। यह भी समझा जा रहा है अभी तक पाक ईरान के समर्थन में है और इजरायल का विरोध कर रहा है।

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इस लंच के बाद क्या पाक अपनी नीति बदलेगा हालांकि यह विदित है कि पाक की कोई नीति नहीं होती है, वह मौकापरस्त है। वहीं अमेरिका भी व्यापारिक और सामरिक दृष्टि से अपना हित इसमें देख सकता है। पाक के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ को आमंत्रित न करके आर्मी चीफ मुनीर को ट्रंप ने लंच पर आमंत्रित किया। वहीं इजरायल और अमेरिका का अभी टारगेट ईरान है। इसके लिए भी पाक का इस्तेमाल अमेरिका कर सकता है लेकिन यदि ऐसा हुआ तो पाक के लिए यह आसान न होगा। अंदरूनीतौर पर आर्मी चीफ मुनीर का पाक में विरोध शुरू हो सकता है।

जंग से कब तक दूरी

इजरायल और ईरान की जंग में अमेरिका अभी सीधे तौर पर जंग में शामिल नहीं है। अमेरिका ईरान को सरेंडर करने कह रहा है लेकिन ईरान भी आरपार की लड़ाई पर अडिग है। इससे ऐसा समझा जा रहा है कि अमेरिका भी कब तक इस जंग से दूरी बनाएगा। वह इजरायल की सहायता कर सकता है। वहीं ईरान कह चुका है कि अमेरिका ने जंग में हस्तक्षेप किया तो बड़ा युद्ध होगा।

भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित भारत में घर वापसी के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू

भारत ने भारतीय छात्रों की सुरक्षित घर वापसी के लिए ऑपरेशन सिंधु शुरू किया है। जिसके तहत ईरान से 110 भारतीय छात्रों को ईरान से सुरक्षित आर्मेनिया लाया गया है। यहां से भारत लाया जाएगा। पहला जत्था आज गुरुवार को भारत पहुंचेगा। मालूम हो कि ईरान में बड़ी संख्या में भारतीय छात्र पढ़ाई करने जाते हैं। खासतौर से वहां मेडिकल की पढ़ाई करने जाते है।
ईरान में भारतीय दूतावास ईरान में रह रहे भारतीयों को सुरक्षित स्थानों पर जाने में सहायता कर रहा है।

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