
जबलपुर। मध्य प्रदेश में मौसम ने अचानक करवट बदल ली है। बुधवार से जबलपुर, भोपाल, इंदौर, उज्जैन सहित अन्य जिलों में रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। अरब सागर और बंगाल की खाड़ी से आ रही नमी के साथ-साथ चार अलग-अलग मौसम प्रणालियों के सक्रिय होने से पिछले दो दिन से राज्य में तेज हवाएं, बारिश और ओलावृष्टि देखी जा रही है। इससे तापमान में गिरावट आई है। हालांकि इस दौरान अनेक स्थानों पर पेड़ गिरने जैसी घटनाओं ने नुकसान भी पहुंचाया है। बिजली की आंख मिचौली से भी लोग परेशान हुए।
चार सिस्टम सक्रिय, अरब सागर-बंगाल से मिल रही नमी
मौसम में यह बदलाव पूर्वोत्तर राजस्थान, दक्षिणी हरियाणा, मध्य पाकिस्तान और बंगाल की खाड़ी से सक्रिय चक्रवाती हवाओं के चलते आया है। इनके कारण बांग्लादेश तक एक द्रोणिका (ट्रफ लाइन) बनी हुई है। मौसम विभाग के अनुसार, अरब सागर में एक नया चक्रवात बनने की संभावना है, जो गुरुवार तक कम दबाव के क्षेत्र में बदल सकता है। इससे बारिश की तीव्रता और बढ़ेगी।
डिंडौरी और बालाघाट में तेज हवाओं और ओलावृष्टि
डिंडौरी के बजाग ब्लॉक में ग्राम पंचायत किकरातालाब सहित कई क्षेत्रों में तेज आंधी के साथ ओलावृष्टि हुई। लगभग 10 मिनट तक आंवले के आकार के ओले गिरने से फसलों को नुकसान पहुंचा। यूकेलिप्टस समेत कई पेड़ गिर गए। बालाघाट जिले के अनेक क्षेत्रों में झमाझम बारिश और ओलावृष्टि की घटनाएं दर्ज की गईं।
रुक-रुक कर बारिश के आसार, कई संभाग होंगे प्रभावित
मौसम विभाग ने जानकारी दी है कि बुधवार से भोपाल, इंदौर, उज्जैन, नर्मदापुरम और जबलपुर संभागों में रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना है। बीते 24 घंटों में सबसे ज्यादा बारिश रतलाम में दर्ज की गई। इसके अतिरिक्त ग्वालियर, रीवा, शहडोल, सागर, भोपाल, इंदौर और उज्जैन संभागों के कुछ हिस्सों में हल्की से मध्यम बारिश हुई।
गर्मी से राहत, पर जनजीवन प्रभावित
जहां एक ओर इस बारिश ने भीषण गर्मी से राहत दी है, वहीं तेज हवाओं और ओलों ने जनजीवन को प्रभावित किया है। कई गांवों में पेड़ गिरने और छतें उड़ने से बिजली आपूर्ति बाधित रही। मौसम विभाग ने अगले चार से पांच दिनों तक प्रदेश में ऐसी ही रुक-रुक कर बारिश होने की संभावना जताई है।