
जबलपुर। सेना के शौर्य, पराक्रम को सलाम लेकिन हम सवाल सरकार की मंशा पर खड़े कर रहे हैं। हम सरकार से सवाल करेंगे। यह बातें शनिवार को शहीद स्मारक परिसर में आयोजित अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की जय हिंद सभा में कांग्रेस नेताओं ने कही।
पूर्व मुख्यमंत्री कमल नाथ ने कहा कि भारत पाक युद्ध में अमेरिका का दबाव पहले भी रहता था। स्वर्गीय इंदिरा गांधी के नेतृत्व में 1971 में भारत-पाक युद्ध हुआ था, उस समय भी अमेरिका का दवाब था लेकिन इंदिरा जी झुकी नहीं। पाक के टुकड़े कर नया बाग्लादेश बना दिया।
देवी अहिल्या बाई को नमन
पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ ने देवी अहिल्या बाई को नमन किया। कमलनाथ ने कहा कि देवी अहिल्या बाई होलकर ने समाज, शिक्षा, सुशासन के लिए काफी कार्य किया।
मप्र पर बोले
कमलनाथ ने कहा कि में महंगाई, बेरोजगार, भ्रष्टाचार चरम पर है। बेरोजगारी सबसे बड़ी चिंता है। नौजवानों का भविष्य ही अंधेरे में रहा, तो प्रदेश का निर्माण कैसे होगा? उन्होंने कहा कि रोजगार विश्वास से आता है। उद्योगपति मप्र में भ्रष्टाचार की बात कहते हैं। इसलिए वे यहां नहीं आते। कांग्रेस नेताओं ने सभा में सेना के शौर्य को सराहा और केंद्र सरकार की सैन्य नीतियों पर सवाल उठाया।सभा में पूर्व सीएम दिग्विजय सिंह,कमलनाथ, छत्तीसगढ़ से भूपेश बघेल, प्रदेश अध्यक्ष जीतू पटवारी, पूर्व केंद्रीय मंत्री कांतिलाल भूरिया, राज्यसभा सांसद विवेक तंखा और पूर्व मंत्री सज्जन सिंह वर्मा शामिल हुए। इससे पहले पूर्व मुख्यमंत्री बघेल और पटवारी ने शौर्य स्मारक पहुंचकर शहीद जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की।
चर्चा में रहे दिग्विजय सिंह
पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह ने मंच छोड़ कार्यकर्ताओं के बीच बैठकर सबका ध्यान अपनी ओर खींचा। वे चर्चा में भी रहे। मंच में बैठने की जगह वे सीधे कार्यकर्ताओं के बीच अगली पक्ति में बैठ गए। उन्हें देखकर कई नेता उन्हें मनाने पहुंचे लेकिन वह वहीं बैठे रहे। कुछ देर बाद जब पूर्व मंत्री और विधायक लखन घनघोरिया, नगर अध्यक्ष सौरभ शर्मा उनसे अनुरोध करने आए तब वे मंच के एक तरफ पूर्व सैनिकों के बीच में जाकर बैठे। इस दौरान भी वे कांग्रेस नेताओं के बीच कुर्सी में नहीं बैठे। मालूम हो कि ग्वालियर के एक कार्यक्रम में पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह को मंच पर जगह नहीं मिली थी, तब उन्होंने सार्वजनिक रूप से ऐलान किया था कि अब वे किसी भी मंच पर नहीं बैठेंगे।
छत्तीसगढ़ के पूर्व सीएम ने यह कहा
छत्तसीगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कार्यक्रम के दौरान केंद्र सरकार की नीति पर सवाल उठाया। उन्होंने कहा सेना पूरे देश की है। उनके पराक्रम और शौर्य पर किसी को संदेह नहीं है सवाल सरकार की मंशा और फैसलों की पारदर्शिता पर है। उन्होंने कहा कि पहलगाव हमले में मारे गए आतंकियों की पहचान सरकार क्यों नहीं कर पाई है। आखिर क्या मजबूरी है कि 56 इंच का सीना दिखाने वाले अब अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप के दवाब में सीजफायर करने तैयार हो गए। उन्होंने कहा कि सरकार ने सीजफायर की शर्तो को सार्वजनिक क्यों नहीं किया।
कार्यक्रम में पूर्व मंत्री वा पूर्व क्षेत्र के विधायक लखन घनघोरिया, पूर्व मंत्री तरुण भनोत, पूर्व विधायक संजय यादव, शहर अध्यक्ष सौरभ शर्मा, अनुराग जैन गढ़वाल, अयोध्या तिवारी, अतुल बाजपेई, मुकेश दीक्षित, मुकेश सराफ, धन्नू, शमीम अंसारी, रमेश बड़कुल, संदीप जाएं, नीलेश जाएं, अंकुश चौधरी, शुभम अग्रवाल,आदि कार्यकर्ता उपस्थित हुए।